EHI RAHIYA HARI JI KE AAVAN HOI LYRICS RAJAN JI MAHARAJ | एही रहिया हरि जी के आवन होई लिरिक्स
EHI RAHIYA HARI JI KE AAVAN HOI
एही रहिया हरि जी के आवन होई
टूटही मड़इया सुहावन होई
रोज रोज़ राह सबरी झारेली बहारेली
झारि के बहारि के डगर निहारेली
अंसुवन से चरण पखारन होई
टूटही मड़इया सुहावन होई
एही रहिया हरि जी के: राजन जी महाराज
मीठी मीठी बेर सबरी तुरेली बटोरेली
तुरी के बटोरी के डलिया में धरेली
मधुर बयेरिया हरि के खियावन होई
टूटही मड़इया सुहावन होई
राम राम रटते बितल सगरो उमरिया
दिन रात इहे सोचे मन में भिलनिया
साँवरी सुरतिया मनभावन होई
टूटही मड़इया सुहावन होई
कहे अवधेश दास भज सिया साजन
भजले से होई जाई भव पार राजन
जिनगी के बगिया पावन होई
टूटही मड़इया सुहावन होई
एही रहिया हरि जी के आवन होई
टूटही मड़इया सुहावन होई
समाप्त:——

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